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हिजाब के विरुद्ध उठ खड़ी हुई केरल की खातून वीरांगनाएं

पाकिस्तान ने भी कहा -‘हिजाब’ अनिवार्य नहीं , अनेक देशों में बुरखा पर प्रतिबन्ध की तैयारी

केरल युक्तिवादी संगम ‘(kerala) की मुस्लिम महिलाओं ने सामूहिक रूप से हिजाब जलाकर तथा महिलाओं पर हिजाब थोपे जाने के विरोध में आवाज उठाकर न केवल ईरान में चल रहे हिजाब विरोधी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है बल्कि इस्लामी कटटरपंथियों को स्पष्ट कहा है कि आतंकी संगठनों के द्वारा चलाये जा रहे हिजाब के चलन को स्वीकारने के लिए वे तैयार नहीं हैं तथा हिजाब के माध्यम से चरमपंथी मजहबी संगठनों को वैचारिक रूप से अपने पैर जमाने वे नहीं देंगीं। एक तरफ जहां भारत के कुछ मुस्लिम नेता और संगठन देश में हिजाब का चलन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं वहीँ इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ पाकिस्तान की एक संवैधानिक इस्लामिक निकाय इस्लामिक सिद्धांत परिषद (सीआइआइ)ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि इस्लामिक कानून के तहत महिलाओं के लिए चेहरे, हाथ और पैर को ढंकना जरूरी नहीं है। उल्लेखनीय है कि ‘केरल युक्तिवादी संगम’ विज्ञान एवं वैचारिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए काम करती है।

विश्वभर के सभी चरमपंथी और आतंकी संगठन हिजाब की अनिवार्यता पर जरुर जोर देते है। इसलिए फ्रांस और बेल्जियम जैसे कई देशों में इसे प्रतिबंधित किया हुआ है और कई अन्य देश इस दिशा में कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं। अध्ययन से यह बात सामने आयी है कि ‘हिजाब’ को प्रचलित करने के पीछे वहां सक्रिय आतंकी संगठनों का हाथ है।’हिजाब’ की आड़ में ये आतंकी संगठन आतंकी संगठनों के लिए सेक्स -स्लेव्स बनाने और आत्मघाती दस्ता तैयार करने में ‘लव जेहाद’ और ‘कन्वर्जन’ जैसे काम कराते हैं। ‘हिजाब’ वस्तुतः मुस्लिम कटटरपंथियों का हथियार है जो महिलाओं के अधिकारों का हनन करता है इसलिए तेहरान (ईरान) से लेकर कोझिकोट (केरल) तक अमानवीयता के इस प्रतीक को जलाने और नकारने की घटनाएं जंगली आग की तरह फ़ैल रही है।केरल के कोझिकोड में 6 नवंबर यानी रविवार को हिजाब जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान लोगों ने ईरान में हिजाब विरोधी आंदोलन के साथ अपनी एकजुटता का संदेश दिया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई थीं।

लव जिहाद, कन्वर्जन के षड्यंत्रों पर देश में तीव्र विरोध होता रहा है, परंतु इस बीच एक नया जिहाद सामने आया है, जिसमें मुस्लिम महिलाएं सड़़कों पर उतरकर नाबालिग हिंदू किशोरियों का ब्रेन वॉश कर रही हैं।नागपुर में हिंदू नाबालिग किशोरियों को जबरदस्ती हिजाब पहनाने की घटना सामने आई है। इसके लिए सड़कों पर बुरखाधारी महिलाओं का दल निकला था, जो नाबालिग हिंदू किशोरियों को लक्ष्यित कर उन्हें हिजाब धारण करने को कह रहा था। इसके विरोध में कई जगह पर हिंदू परिवार और संगठनों ने विरोध भी किया।केरल में हिजाब को सामूहिंक रूप से जलाए जाने की घटना से देश भर में अलग सन्देश गया है। पाकिस्तान की एक संवैधानिक इस्लामिक निकाय इस्लामिक सिद्धांत परिषद (सीआइआइ)ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि इस्लामिक कानून के तहत महिलाओं के लिए चेहरे, हाथ और पैर को ढंकना जरूरी नहीं है।इसके अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद खान शेरानी महिलाओं के लिए बुर्का पहनने के समर्थक हैं। इसके बावजूद उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि इस्लाम में ऐसा करना अनिवार्य नहीं है। सीआइआइ की बैठक में कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी की डॉ. शामिआ रहील काजी भी उपस्थित थी। बुर्के पहन कर आने के बावजूद उन्होंने इस फैसले का विरोध नहीं किया।

मुस्लिम महिलाओं और पूर्व मुस्लिमों द्वारा मोहम्मदिज्म के विरुद्ध चलाये इस अभियान को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों समेत विश्वस्तर पर प्रभावी अनेक सेलेब्रिटीज का समर्थन मिल रहा है।आस्कर विजेता फ्रेंच अभिनेत्रियों जुलिएट बिनोचे, मैरिअन कोटिलर्ड समेत 50 से अधिक फ्रांसीसी महिला कलाकारों ने प्रतीकात्मक रूप से अपने बाल काटकर ईरान के हिजाब विरोधी आंदोलन का समर्थन किया है। यूरोपीय यूनियन की असेंबली में भाषण के दौरान यूरोपीय संसद की एक स्वीडिश सदस्य ने भी अपने बाल काटकर महसा अमीनी का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की उच्चायुक्त रवीना शमदासानी ने कहा कि हमने प्रदर्शनकारियों के साथ दु‌र्व्यवार के साथ ही उनके परिवारों का उत्पीड़न भी देखा है।

हिजाब पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में भारत के महाधिवक्ता तुषार मेहता ने बताया कि भारत में भी हिजाब षड्यंत्र द्वारा उथलपुथल मचाने का प्रयास पी एफ आई नामक संगठन ने किया है। विश्वभर में हिजाब के पीछे आतंकी समूहों की भूमिका है। आतंकी संगठन हमास की एक सहयोगी सोमाली-ब्रिटिश कट्टरपंथी संस्था ‘फराह फाउंडेशन’ ने अपने स्कूलों में छात्राओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य किया हुआ है । इसी प्रकार फेतुल्लाह गुलेन मूवमेंट (Fethullah Gulen movement) नाम की एक संस्था है जो कि खिलाफत को फिर से स्थापित करने के लिए प्रयासरत है।भारत में हिजाब समर्थक संस्था ‘जस्टिस फॉर आल’ इस्लामिक सर्किल ऑफ नार्थ अमेरिका (Islamic Circle of North America – ICNA) की एक शाखा है। इसके संस्थापक जिहादी और आतंकी गतिविधियों का खुलकर समर्थन करते है। आईसीएनए का मुस्लिम अमेरिकन सोसाइटी (Muslim American Society – MAS) के साथ गठजोड़ है। यह एमएएस 1993 में बना और आतंकवादी और दूसरी कट्टरपंथी गतिविधियों में संलग्न है।

ऐसे सैकड़ों उदाहरण है जहाँ आतंकवादी संगठनों ने हिजाब को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इसी क्रम में, हिजाब षड़यंत्र का शिकार जनवरी 2022 में भारत भी हो गया। उस दौरान कर्नाटक राज्य के उडुपी शहर स्थित एक कॉलेज की छह छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने कक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी क्योंकि उन्होंने स्कूल के निर्धारित ड्रेस से अलग हिजाब भी पहना हुआ था। भारत में स्कूल में ब्रिटिश व्यवस्था की भांति ही विद्यार्थियों की एक निश्चित यूनिफार्म होती है जिसे सभी छात्र एवं छात्राओं को पहनना अनिवार्य होता है। उडुपी के इस कॉलेज में पहले कभी छात्राओं ने हिजाब की मांग नहीं की थी। अचानक से उठी यह मांग इस बात को स्पष्ट करती है कि जैसे विश्व के अन्य देशों में जानबूझकर हालात पैदा किये जा रहे है वैसा ही कुछ भारत में करने की यह एक योजना थी। इन छात्राओं को पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) का समर्थन मिला जिसे हाल ही में भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के चलते अगले पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

केरल युक्तिवादी संगम की मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब के विरुद्ध छेड़े गए आंदोलन को मिलता समर्थन सुखद है और यह ीा देश की मुस्लिम महिलाओं की सोच में बड़े परिवर्तन का सूचक है। इस परिवर्तन का अभिनन्दन किया जाना चाहिए।

सन्दर्भ:-


https://twitter.com/JagranNews/status/1589577678839222272?t=ktekCFT3xkfwSLGUo11rog&s=08
https://hindi.theprint.in/opinion/hijab-for-muslims-in-india-is-more-a-matter-of-us-vs-them-than-islam/410208/
https://hindi.oneindia.com/opinion/global-agitations-against-hijab-715167.html?story=1
https://hindi.oneindia.com/opinion/global-agitations-against-hijab-715167.html?story=5

https://hindi.oneindia.com/opinion/global-agitations-against-hijab-715167.html?story=2

https://hindi.oneindia.com/opinion/global-agitations-against-hijab-715167.html?story=5

https://hindi.news18.com/news/nation/karnataka-hijab-row-is-part-of-pfi-conspiracy-solicitor-general-tushar-mehta-raised-question-in-supreme-court-4626139.html

https://hindi.webdunia.com/national-hindi-news/karnataka-hijab-row-karnataka-nitin-gadkari-on-hijab-hijab-case-122021100046_1.html

https://hindi.webdunia.com/national-hindi-news/protest-in-maharashtra-hijab-day-in-malegaon-122021100051_1.html

https://www.jagran.com/news/world-no-longer-required-to-wear-the-burqa-for-women-in-pakistan-13057367.html

https://hindi.thenationalbulletin.in/guest-column-hijab-or-separatist-

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