News

जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनेगी बिरसा मुंडा की जयंती : केंद्र

भारत सरकार ने झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती को ‘ जनजातीय गौरव दिवस’ घोषित किया है। इसका शुभारंभ राँची के पुराने जेल परिसर में बनाये गए ‘भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय ‘ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण से होगा। इस संग्रहालय को लगभग १४२ करोड़ रुपये खर्च करके बनवाया गया है।

भारतीय इतिहास में बिरसा मुंडा ऐसे नायक हुए जिन्होंने अपने क्रांतिकारी चिंतन से उन्नीसवीं शताब्दी के उतरार्ध में आदिवासी समाज की दशा व दिशा बदलकर नए सामाजिक एवं राजनीतिक युग की नींव रखी। इसके लिए देश भर के आदिवासी समुदाय ने उनको ‘भगवान बिरसा मुंडा’ का संबोधन दिया।

वर्ष १८९९-१९०० में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुआ ‘मुंडा उलगुलान’ छोटानागपुर के क्षेत्र में सर्वाधिक चर्चित विद्रोह था। पारंपारिक भूमि व्यवस्था को जमींदारी व्यवस्था में बदले जाने के कारण अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध आंदोलन छेड़ने के साथ – साथ बिरसा मुंडा ने आदिवासियों में सामाजिक – राजनीतिक एवं आर्थिक चेतना फैलाने का काम किया। इसके लिए उन्होंने एक नए संप्रदाय की नींव भी रखी। उनके योगदान के कारण ही बिरसा मुंडा की भव्य तस्वीर संसद भवन में लगी है।

बिरसा मुंडा महान स्वतंत्रता सेनानी के साथ – साथ अतुल्य समाजसुधारक एवं प्रचंड संगठनकर्ता थे।
१५ नवंबर १८७५ को तत्कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी के लोहरदगा जिले के उलिहातु गाँव में जन्मे बिरसा की माता का नाम कर्मी हा तू और पिता का नाम सुगना मुंडा था।

Back to top button