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पाकिस्तान में फिर मिले मंदिर, इसबार २३०० वर्ष पुराना

पकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त में २३०० वर्ष पुराना मंदिर और विभिन्न प्रकार की २७०० कलाकृतियां खुदाई के दौरान पाकिस्तान और इटली के इतिहासकारों और पुरातत्वविदों को प्राप्त हुई हैं। इससे पहले इसके स्वात जिले में १३०० वर्ष पुराना विष्णु मंदिर नवंबर २०२० में मिला था ।इटली के पुरातत्वविदों को लगता है कि खुदाई में आगे भी और पुरातात्विक स्थान खोजे जा सकते हैं। पाकिस्तान में इटली के राजदूत आंद्रे फेरारिस ने बताया कि पाकिस्तान में मौजूद पुरातात्विक स्थल दुनिया के विभिन्न मत—पंथों की दृष्टि से बहुत मायने रखते हैं।

सूबे में पुरातत्वविदों को खुदाई में एक 2300 साल पुराना बौद्ध मंदिर मिला है। स्वात जिले में पाकिस्तान और इटली के पुरातत्वविद खुदाई कर रहे थे जब उन्हें मंदिर और उससे जुड़ी कुछ बहुमूल्य कलाकृतियां मिलीं। स्वात जिले के बाजीरा शहर में मिला यह प्राचीन मंदिर बौद्धकाल का बताया जा रहा है। शुरुआती जांच के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि खुदाई में मिला प्राचीन मंदिर पाकिस्तान में बौद्ध काल का सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। पुरातत्वविदों को मंदिर ही नहीं, मंदिर के साथ ही, बौद्धकाल की ही 2,700 से ज्यादा बहुमूल्य कलाकृतियां भी प्राप्त हुई हैं। इन कलाकृतियों में प्राचीन सिक्के हैं तो कई अंगूठियां, बर्तन और यूनानी राजा मिनांदर के जमाने की खरोष्ठी भाषा में लिखी इबारतें भी हैं।पाकिस्तान में पुरातात्विक खुदाई से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि पुरातत्वविदों का दल उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में एक ऐतिहासिक स्थल पर खुदाई कर रहा था। इसमें उन्हें बौद्ध काल का एक 2300 साल पुराना मंदिर मिला है जो पाकिस्तान के तक्षशिला में मिले पुरावशेषों से भी प्राचीन है।इटली के पुरातत्वविदों को लगता है कि खुदाई में आगे भी और पुरातात्विक स्थान खोजे जा सकते हैं।

सनद रहे , नवम्बर २०२० में पाकिस्तान के स्वात जिलान्तर्गत बोरिकोट घुंडई शहर में १३०० वर्ष पुराना भगवान विष्णु का मंदिर मिला था। यह हिन्दुशाही राजाओं द्वारा बनवाया गया था जिन्होंने पकिस्तान और अफगानिस्तान क्षेत्र में लगभग १७५ वर्षों तक राज किया था।1,300 साल पहले बने हिंदू मंदिर की खोज पाकिस्तानी और इतालवी पुरातात्विक विशेषज्ञों ने स्वात जिले के पहाड़ पर की .इसकी घोषणा करते हुए, पुरातत्व विभाग खैबर पख्तूनख्वा के अधिकारी फजले खलीक ने कहा था कि खोजा गया मंदिर भगवान विष्णु का है. हिंदू शाही या काबुल शाही (850 1026 ईस्वी) एक हिंदू राजवंश था जिसने काबुल घाटी (पूर्वी अफगानिस्तान), गांधार (आधुनिक पाकिस्तान-अफगानिस्तान) और उत्तर -पश्चिम भारत पर राज किया था।खुदाई के दौरान, पुरातत्वविदों को मंदिर स्थल के पास छावनी और प्रहरी के निशान भी मिले हैं. विशेषज्ञों को मंदिर के पास एक पानी की टंकी भी मिली, जिसके बारे में उनका मानना ​​है कि इसका उपयोग पूजा से पहले स्नान के लिए किया जाता था। फजले खलीक ने बताया था कि स्वात जिला एक हजार साल पुराने पुरातात्विक स्थलों का घर है और इस इलाके में पहली बार हिंदू शाही काल के निशान पाए गए हैं। इतालवी पुरातात्विक मिशन के प्रमुख डॉ लुका के अनुसार यह घाघरा सभ्यता का पहला मंदिर था जो स्वाहिली जिले में खोजा गया था. यहां बौद्ध सम्प्रदाय के अनेक मठ हैं।

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