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मुसलमानों के लिए दलित आज भी ‘इस्लामिक उद्देश्यों ‘ की पूर्ति का हथकंडा मात्र ही है

राजस्थान के जोधपुर में कुँए से पानी लेने पर भील जनजाति के किशनलाल भील की मुस्लिमों ने पीट -पीटकर ह्त्या कर दी।आज भी मुसलमान और उनके संगठन ‘दलितों ‘,वनवासियों को अपना बताते और उनको बरगलाकर हिन्दुओं को उनसे प्रताड़ित और दुर्बल करने का कोई अवसर नहीं चूकते लेकिन अवसर मिलते ही उनके प्राण ,धन -सम्पत्तियाँ और उनके घर की नारियों का हरण कर लेते हैं। हाल के दिनों में घाटी कुछ घटनाओं का उल्लेख हम यहां कर रहे हैं -:

राजस्थान के जोधपुर में एक ट्यूबवेल से पानी खींचने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा एक 46 वर्षीय आदिवासी की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई,आरोपी ने किशनलाल भील नाम के व्यक्ति पर जातिसूचक गालियां भी डालीं और उसके परिवार के सदस्यों को उसे अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दी,अब तक, तीन लोगों – शकील, नासिर और बबलू – को गिरफ्तार किया गया है और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

https://jantaserishta.com/local/rajasthan/rajasthan-muslim-youths-beat-tribal-man-to-death-over-taking-water-from-tubewell-1730620

मस्जिद के सामने दलित की बारात निकली तो फेंके पत्थर:राजगढ़ में मुस्लिम युवकों ने बंद कराया बैंड-बाजा, जमकर पीटा। देर रात कुछ मुस्लिम युवकों ने जीरापुर माताजी मोहल्ले में बारातियों पर हमला बोल दिया। बैंड और ढोल बजाने पर वे इतने आक्रोशित हुए कि बारातियों से मारपीट कर जमकर ईंट- पत्थर बरसाए।हमले में बाराती पक्ष के चार लोग घायल हो गए। इनमें एक पांच साल की बच्ची को गंभीर चोट आने पर उज्जैन रेफर किया गया है।
https://www.bhaskar.com/local/mp/rajgarh/news/dabangs-in-rajgarh-129821601.html

मेवात में ऐसी कई जगह हैं जहाँ पर अब हिंदू अपने बच्चों के नाम मुस्लिमों वाले रखते हैं ताकि अगर वे बाहर अपना नाम बताएँ, तो उनकी जान बच जाए। मेवात के हिंदू अपने यहाँ शादियो में गाने नहीं बजा पाते, क्योंकि मुस्लिम बहुल आबादी के लोग आकर सारा सामान तोड़कर चले जाते हैं। वहाँ पर लड़कियों का अपहरण होना , बारातियों को मारा जाना – ये सब बहुत आम बातें हैं।मेवात में अधिकांश हिंदू लड़कियाँ पाँचवीं या छठी क्लास के बाद स्कूल नहीं जाती हैं क्योंकि लोगों को डर होता है कि कहीं उनकी बच्चियों को उठा न लिया जाए। वहाँ कन्वर्जन के लिए तरह-तरह के हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। जैसे-डराना, धमकाना, मारना- पीटना, जमीन-घर-श्मशान पर कब्जा कर लेना आदि।
https://hindi.opindia.com/national/mewat-ground-reporting-journalist-muslim-dalit-cm-manohar-lal-khattar/

मुरादाबाद (उ प्र ) में दलित परिवार ने किया पलायन का ऐलान, कहा – हमें छोड़ कर गाँव में सभी मुस्लिम हैं।ये सारे मुस्लिम हमें भगाना चाहते हैं और हमारे घर पर कब्जा करना चाहते हैं।” ‘प्रधान पति असदुल्ला ने पीटा, फाड़ डाले कपड़े’:तो राजेन्द्र ने हाथ जोड़ कर निवेदन किया है कि उसे इन ‘दरिंदों’ से बचाया जाए, नहीं तो वे उसे भी उसकी माँ की तरह मार डालेंगे।“

https://hindi.opindia.com/national/moradabad-dalit-family-forced-exodus-muslim-pradhan-cruelty-assault/ , https://www.firstpost.com/india/rajasthan-muslim-youths-beat-tribal-man-to-death-over-taking-water-from-tubewell-11590131.html , https://www.aajtak.in/india/bihar/story/bihar-crowd-set-fire-in-mahadalit-colony-in-purnia-one-killed-many-injured-houses-burnt-purnia-baisi-majhauwa-village-1259869-2021-05-23.. https://www.aajtak.in/india/bihar/story/bihar-crowd-set-fire-in-mahadalit-colony-in-purnia-one-killed-many-injured-houses-burnt-purnia-baisi-majhauwa-village-1259869-2021-05-23 ,https://hindi.opindia.com/national/rape-with-adivasi-woman-lohardaga-jharkhand-congress-leader-sultan-ansari/

टोंक निवासी आमिर अब्बासी ने नाबालिग को शादी की बात कहकर भगाया पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आमिर अब्बासी उसे शादी करने की बोलकर अपने साथ ले गया था. कोटा आकर किराए के कमरे में रहने लगे. यहां वो मेरे साथ पिछले चार महीने से लगातार रेप कर रहा था. मुझे मारता-पीटता भी था. कमरे में बंद करके रखता था.

https://www.aajtak.in/rajasthan/story/police-arrest-muslim-man-in-charge-of-rape-with-hindu-minor-girl-tonk-rajasthan-lclg-1571221-2022-11-08. https://www.aajtak.in/rajasthan/story/police-arrest-muslim-man-in-charge-of-rape-with-hindu-minor-girl-tonk-rajasthan-lclg-1571221-2022-11-08 https://www.aajtak.in/rajasthan/story/police-arrest-muslim-man-in-charge-of-rape-with-hindu-minor-girl-tonk-rajasthan-lclg-1571221-2022-11-08

राजस्थान में अजमल खान नाम का एक मुस्लिम युवक बेकाबू हो गया। उसे एक हिंदू लड़की पसंद आई और वह उसके घर रिश्ता लेकर गया, लेकिन घर वालों ने रिश्ते के लिए इनकार कर दिया। अजमल खान अगले दिन उस हिंदू परिवार के घर हथियार लेकर गया और घर के सभी सदस्यों को जान से मार दिया। https://www.bhaskar.com/no-fake-news/news/muslim-youth-becomes-uncontrollable-in-rajasthan-hindu-girls-family-put-to-death-know-its-truth-128707176.html

झारखंड के लोहरदगा जिले के कुडू थाना क्षेत्र की रहनेवाली एक आदिवासी विधवा के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। महिला ने एक युवक पर दुष्कर्म करने और जाति सूचक गालियां देते हुए मारपीट करने का आरोप लगाया है।

https://www.jagran.com/jharkhand/ranchi-muslim-youth-physical-relation-with-tribal-widow-working-in-field-in-lohardaga-jharkhand-23063815.html

संविधान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष और पहले स्पीकर जोगेन्द्रनाथ मंडल ने कहा था कि उन्होंने विभाजन के बाद पाकिस्तान को अपना देश इसलिए चुना क्योंकि उनका मानना था कि “मुस्लिम समुदाय ने भारत में अल्पसंख्यक के रूप में अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया है,इसलिए वह अपने देश में अल्पसंख्यकों के साथ न केवल न्याय करेगा बल्कि उनके प्रति उदारता भी दिखाएगा। जोगेन्द्रनाथ मंडल बाबा साहेब अम्बेडकर के परम अनुयायी थे, पर राजनीतिक स्वार्थ में उन्होने बाबा साहेब के सीख और सिद्धांतों को बिलकुल भुला दिया था। मंत्री बनने के स्वार्थ में अंधे मंडल को तनिक भी संदेह नहीं हुआ कि जिन्ना जो कह रहा था वो काफिरों (गैरमुस्लिमों) को मूर्ख बनाने का इस्लामिक हथकंडा (अल्तकैय्या ) मात्र था जिसका उद्देश काफिरों को बरगलाकर धोखे में रखना होता है ताकि सही समय आने पर फिर से जिहादी उद्देश्यों की पूर्ति किया जा सके।

वनवासियों और दलितों को अपने राजनीतिक लाभ के लिए अपना बताते मुसलमान नहीं थकते लेकिन अपना मतलब पूरा होते ही वे उनको प्रताड़ित और शोषित करना शुरू कर देते हैं। मुसलमानों के लिए दलित आज भी इस्लामिक उद्देश्यों की पूर्ति का हथकंडा मात्र ही है चाहे वह ‘मुस्लिम दलित’ यानी मीम -भीम के जितने नारे लगा और लगवा ले , समय आने पर दलितों की पीट- पीटकर ह्त्या करनी हो या उनकी स्त्रियों से बलात्कार अथवा उनकी सम्पत्तियाँ लूटना – वे तनिक भी नहीं चूकते। यह सच १९४७ का भी था और आज का भी है।यह बात जोगेंद्रनाथ मंडल से लेकर किशनलाल भील तक यानी ७५ वर्षों से चली आ रही है, इसके आगे भी इसी तरह चलते रहने की आशंका है ।

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