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अपराध- नियंत्रण में भी सहयोग दे रहा इसरो , लगभग दो हजार करोड़ के ड्रग्स पकड़वाए

इसरो (ISRO) यानी कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( Indian Space Research Organisation) की मदद से अब अपराध का भी खुलासा होने लगा है। इसरो की सैटेलाइट देश के विकास में विभिन्न क्षेत्रों के लिए पहले से ही उपयोगी रही है। संचार, दुश्मन देश पर नजर से लेकर मैप तक में इनका इस्तेमाल पहले से ही किया जा रहा है, लेकिन अब इसकी मदद से अपराधी भी पकड़े जाने लगे हैं।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी ) ने गुजरात में इसरो की मदद से कुख्यात ड्रग माफिया ईसा राव की संपत्ति पकड़ने का दावा किया है. एनसीबी ने इसरो की मदद से यह कार्रवाई की है. मोरबी में 600 करोड़ की हेरोइन पकड़ने जाने के मामले में ईसा राव मुख्य आरोपी है। फिलहाल वह भारत छोड़कर भाग चुका है।ईसा राव की देवभूमि द्वारका के अलावा.मोरबी में भी अवैध संपत्ति है।

https://www.aajtak.in/crime/police-and-intelligence/story/isro-satellite-images-show-how-drug-trafficker-bungalow-came-up-in-gujarat-village-ntc-1599503-2022-12-21

इसरो के उन्नत आंकड़ा प्रसंस्करण अनुसंधान संस्थान द्वारा उपलब्ध करायी गयी सेटेलाइट तस्वीरों से सामने आया है कि कैसे उसने पिछले तीन सालों में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई और 50 लाख रुपये से अधिक का बंगला बनवाया।उन्होंने बताया कि इन तस्वीरों में 2019 से निर्माण के भिन्न-भिन्न चरण नजर आ रहे हैं

https://www.jagran.com/gujarat/ahmedabad-satellite-pictures-of-isro-revealed-how-the-smuggler-built-the-bungalow-main-accused-in-heroin-seizure-case-23266917.html

नवंबर, 2021 में गुजरात एटीएस ने मोरबी जिले के जिंजुदा गांव के एक निर्माणाधीन मकान से 600 करोड़ रुपये की 120 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी और इशा राव के भाई मुख्तार हुसैन समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
एटीएस ने कहा था कि यह मादक पदार्थ राव के पाकिस्तानी साथियों ने समुद्र मार्ग से भेजा था।

‘जांच से खुलासा हुआ कि राव ने मादक पदार्थ के धंधे से जो पैसे बनाये, उससे यह संपत्ति विकसित की गयी। चूंकि उसका परिवार जांच में सहयोग नहीं कर रहा था तो ब्यूरो ने यह स्थापित करने के लिए सेटेलाइट तस्वीरों का उपयोग किया कि यह संपत्ति तीन सालों में बनाई गयी है। यह मकान अब कुर्क किया गया है।’माना जा रहा है कि राव फिलहाल पाकिस्तान के कराची में है। इससे पूर्व अनंतनाग में इसरो की तकनीकी सहायता से राष्ट्रीय जमात-ए -इस्लामी की सम्पत्तियाँ सील की जाचुकी हैं

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राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भी इसरो की सहायता से नशीले पदार्थों का विशाल भण्डार पकड़ा गया था

https://assembly.rajasthan.gov.in

सुरक्षा व सीमा पर तस्करी/नशीले पदार्थ (A105) … पकड़े, आतंकवादी-जांच, आतंकी की सहायता )

ईसा राव खुद तो गुजरात से भाग गया, लेकिन उसका नेटवर्क आज भी गुजरात में है। वो अपने गुजरात में मौजूद लोगों के सहारे यह काला साम्राज्य चला रहा है। हालांकि अब इसपर ब्रेक लगता दिख रहा है। नवंबर 2021 में मोरबी जिले में गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड द्वारा 600 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई थी। इस हेरोइन का मालिक भी राव ही था। बाद में जांच एनसीबी को सौंप दी गई थी। राव तस्करी के पैसे को गुजरात में ही निवेश कर रहा था। एनसीबी जब जांच करने लगी तो उसके परिवार वालों से सहयोग नहीं मिला। जिसके बाद एनसीबी ने इसरो से मदद मांगी। इसरो अपनी सैटेलाइट की सहायत से उस इलाको को खोज निकाला, जहां राव अपनी काली कमाई को छुपा रहा था। राव तस्करी से कमाए गए पैसे को उपयोग करके गुजरात के एक गांव में एक महलनुमा बंगला बनवाया था। एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसरो के एडवांस्ड डाटा प्रोसेसिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (एडीआरआईएन) द्वारा उपलब्ध कराई गई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि उसने तीन साल में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई है। वहां उसने 50 लाख रुपये से अधिक की कीमत के बंगले का निर्माण करवाया है। इस बंगले को अब एनसीबी ने सील कर दिया है।

‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की भूमिका में नित्य नए अध्याय जुड़ने लगे हैं। यह विज्ञान और तकनीक का उपयोग अपराध नियंत्रण , लोक स्वास्थ्य ,कृषि ,बाल विकास जैसे कार्यों में अपना योगदान देना प्रारम्भ कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से नशीले पदार्थों का पता लगाने और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर नशीले पदार्थों का व्यापार -अवैध घुसपैठ रोकने जैसे कार्यों में इसरो का योगदान सामने आने लगा है। (इसरो) के अनुकूलित अंतरिक्ष-थीम वाले मर्चेंडाइज प्रोग्राम या व्यापारिक कार्यक्रम’ (ISRO’s customized space-themed merchandise programmed) ने कई कंपनियों के साथ शुरुआत की है। अब खिलौने बनाने ,बच्चों को शिक्षित करने जैसे प्रत्यक्ष सामाजिक कार्यों में भी यह योगदान कर रहा है।

जुलाई 2021 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुकूलित अंतरिक्ष-थीम वाले मर्चेंडाइज प्रोग्राम या व्यापारिक कार्यक्रम’ (ISRO’s customized space-themed merchandise programmed) ने कई कंपनियों के साथ शुरुआत की है। अब, कोई भी इसरो के मिशन और काम से जुड़े अधिकृत उत्पादों जैसे- स्केल मॉडल, टी-शर्ट, मग, स्पेस-थीम वाले शैक्षिक खेल, विज्ञान आधारित खिलौने आदि खरीद सकेगा।इन उत्पादों को बनाने वाली आठ कंपनियों ने अब तक इसरो के साथ इसरो-थीम आधारित लेख / मॉडल के संबंध में पंजीकरण किया है, जिसमें इंडिक इंस्पिरेशन्स (पुणे), 1947IND (बेंगलुरू) और अंकुर हॉबी सेंटर (अहमदाबाद) शामिल हैं।इसरो का मानना है कि यह ब्रांड प्रचार अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूकता पैदा करने तथा छात्रों, बच्चों और जनता में रुचि पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।सटीकता और इसरो के ज्ञान को सुनिश्चित करने के लिए स्केल किए गए मॉडल, लेगो सेट (LEGO sets), जिग्सॉ पहेली आदि बनाने के लिए उपयोग किए जा रहे 3डी मॉडल और 2डी ड्रॉइंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा

https://www.chronicleindia.in/hindi/current-affairs/monthly/july-2021

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