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चीन में मुस्लिमों को रहना है तो चीन की परंपरा और कम्युनिस्ट व्यवस्था के साथ रहें: राष्ट्रपति शी जिनपिंग

उइगुर मुस्लिमों को शी जिनपिंग का दो टूक संदेश,

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि इस्लाम चीन की परंपराओं और समाज के मुताबिक अपने आप को ढालने की कोशिश करे और उसे समाजवादी ढाँचे को अपनाना चाहिए। उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि चीनी मुस्लिमों को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के समाजवादी व्यवस्था के अनुकूल होना चाहिए। जिनपिंग ने यह भी कहा कि धर्म को मानने वाले लोगों की सामान्य धार्मिक जरूरतों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए और उन्हें पार्टी और सरकार के करीब एकजुट होना चाहिए।

जिनपिंग ने चीन के लिए मजबूत सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जातीय समूहों के बीच संवाद और एकीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि उइगर मुस्लिम समुदाय को चीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बढ़ानी चाहिए।

शिनजियांग प्रांत रूस, अफगानिस्तान और अस्थिर मध्य एशिया की सीमा से लगा हुआ है। चीन ने आर्थिक प्रोत्साहन और सुरक्षा गठबंधन के केेंद्र के रूप में विकसित करने की बात कही है। यह क्षेत्र कभी प्राचीन सिल्क रोड का एक महत्वपूर्ण मार्ग था। चीन ने अब इस क्षेत्र को अपने महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का मुख्य केंद्र बनाया है। यहाँ 5,900 से अधिक चीन-यूरोप के लिए मालगाड़ियाँ चलाई गई हैं।

मुसलमानों पर अत्याचार करता रहा है चीन,

चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों की हालत बेहद खराब बताई जाती है। कई रिपोर्ट्स में यह सामने आया है कि मुसलमानों से उनके धार्मिक अधिकार छीन लिए गए हैं और उन्हें ऐसी चीजें करने को कहा जाता है जो गैर-इस्लामी हैं। कई उइगर मुस्लिमों का कहना है कि वे हमेशा इस खौफ में जीते हैं कि कब उन्हें सरकार का कोई शख्स उठाकर ले जाए और उन्हें उनके परिवार और बच्चों से दूर कहीं नजरबंद करके रख दे।

अब यह देखना होगा की यहा पर लिबरल लोग कैसे रिएक्ट करते हे। भारत में इस्लाम पर अगर कुछ ऊँगली उठा ता हे तो उसका गाला काट दिया जाता हे। तब ये लिबरल लोक दुम दबाकर बैठ जाते है। अब जिनपिंग ने इस्लाम को काबू करने की बात कर रहे हे तब कोई कुछ नहीं बोलते है। यही फरक है भारत और चीन में।

मार्क्सवादी विचार ने राष्ट्र को हानि पहुंचाई

अगर शुरुवात से शुरू करे तो जब पहिलीबार १९५७ में केरल में मार्क्सवादी सरकार बनी उन्होंने मुस्लिम तुष्टिकरण आरम्भ किया। १९६२ के युद्धम में भी मार्क्सवादी ताकतोने चीन का साथ दिया।जब भी कभी भारत के एकीकरण की बात होती है तब तब ये मार्क्सवादी हमेशा अपना लाल झंडा लेकर खड़े लेकर पोहचते हे। साल 2016 में जेएनयू के छात्रों ने देश विरोधी नारे लगाये थे। टुकड़े टुकड़े गैंग का इस्तेमाल जेएनयू के आंदोलनकारी छात्रों के लिए किया जाता है।CAA के विरुद्ध बड़ा षड्यंत्र मार्क्सवादियोंने किया इस बीच शाहीन बाग का आंदोलन हुवा १०० दिनों तक रास्ता रोक कर रखना भी ये राष्ट्रद्रोही अपना अधिकार समझते हैं।

जब जब एकीकरण की ,राष्ट्र की ,इस समूचे भारत वर्ष की बात आती हे तब तब यर मार्क्सवादी लिबरल कहा होते है ?? जब राष्ट्र पर संकट आता है तब ये विरोधी लोगो को मदत करते है। हमेशा चीन रशिया की तारीफ करना और लोकतंत्र का अपमान मार्क्सवादी करते आये हे और हमें पूरा विश्वास हे के आगे भी करते रहेंगे। हमें इन राष्ट्र विरोधीयोंको पहचानना ही होगा।

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